भावनाएं हर इंसान में होती है. जब कोई व्यक्ति किसी बात से बहुत खुश होता है तब वह हंसता है और दुख पहुंचने पर वह रोता है. हालांकि लोगों को अधिक ख़ुशी मिलने पर भी रोना आ जाता है जिसे ख़ुशी के आंसू कहते हैं. बात-बात पर रोने वाले लोगों को कमज़ोर दिल समझा जाता है. लोगों को लगता है कि जो छोटी-छोटी बातों पर रोने लग जाते हैं वह अंदर से बहुत कमज़ोर होते हैं. लेकिन यह बात सच नहीं है. बात-बात पर रोने वाले लोग कतई कमज़ोर नहीं होते. एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस तरह के लोग बाकी लोगों की तुलना में बहुत ख़ास होते हैं. आज हम बात करेंगे कि बार-बार रोने वालों में क्या-क्या खासियत होती है और ऐसे लोग किस चीज़ों में माहिर होते हैं. आईये जानते हैं ||
बात-बात पर रोने वालों की खासियत
बात-बात पर रोने वाले व्यक्ति को ग़लती से भी कमज़ोर समझने की भूल न करें. ऐसे लोग कमज़ोर नहीं बल्कि अंदर से बहुत मजबूत होते हैं. कोई भी प्रॉब्लम हो इन्हें खुद को संभालना बखूबी आता है. रोने का मतलब ये नहीं होता कि वह कमज़ोर हैं बल्कि रोने से वह खुद को अच्छा और मजबूत महसूस करते हैं.
कहते हैं कि रोने से तनाव दूर भाग जाता है. तनाव होने पर व्यक्ति को खुल कर रोने की सलाह दी जाती है. ऐसा इसलिए क्योंकि तनाव या परेशानी होने पर रोना औषधि की तरह काम करता है. ऐसा करने पर आप फ्रेश महसूस करेंगे और आप देखेंगे कि आपका सारा दुख और टेंशन आंसुओं के साथ बह गया है.
इमोशनल व्यक्ति एक अच्छा दोस्त साबित होता है. कुछ लोग दूसरों की परेशानी को समझे बगैर उन्हें सलाह देने लग जाते हैं. लेकिन एक इमोशनल व्यक्ति दूसरे की परेशानियों को भली-भांति समझता है और उनकी फीलिंग्स की क़द्र करता है. उनमें दिखावा नहीं होता.
आजकल के दौर में इमोशनल इंटेलिजेंस या इमोशनल कोशेंट को लोग दूसरे ही नज़रिए से तौलते हैं. जैसे कि यदि कोई व्यक्ति दुखी है और रो रहा है तो उसका साथ देने के लिए सामने वाला व्यक्ति भी रोने लगता है, जिसे एक अच्छा रिस्पांस माना जाता है.
बात-बात पर रोने वाले या इमोशनल लोग बिल्कुल साफ़ दिल होते हैं. उनके मन में किसी के लिए किसी प्रकार का बुरा भाव नहीं होता. वह किसी की बुराई नहीं करते. ऐसे व्यक्ति सबका अच्छा सोचते हैं और यह इनकी आदत में शुमार होता है.